प्यादे की क़ुरबानी

वतन मेरे तूने ऐसा क्या जादू कर दिया, प्यादे ने तुज पर अपना जीवन कुर्बान कर दिया…,

अपना घर छोड़ मिट्टी की इज्जत बचने वो निकल पड़ा, जैसे अपनी माँ की इज्जत हो…,

वतन मेरे तूने ऐसा क्या जादू कर दिया, प्यादे ने तुज पर अपना जीवन कुर्बान कर दिया…

यह वतन की मिट्टी मैं ताकत है, क्यूंकि यहां पर महावीर योद्धाओं की इबादत है…,

अपनों की परवाह किये बिना वो बस चल पड़े, इस वतन की इज्जत बचाने वो निकल पड़े…,

कुछ तो बात है इस वतन की मिट्टी मैं, हर किसी ने नात जात भूलकर उस पर अपना जीवन कुर्बान कर दिया…

चाहे हिन्दू हो या फीर मुस्सलमान, सिख हो या ईसाई…,

यहां सभी ने एक हो कर जी लिया…,

इस वतन की इज्जत बचाने सभी ने खून-पसीना मिला दिया…,

वतन मेरे तूने ऐसा क्या जादू कर दिया, सभी मज़हब के लोगो ने एक हो कर तुज पर अपना जीवन कुर्बान कर दिया…

–नंदन त्रिवेदी

One thought on “प्यादे की क़ुरबानी

  1. The charm of ur tricolor not only makes u proud even it’s three layers of colors rebound ur soul by their charm !! And ur this phrases did that 🙂 Well appreciable .

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