हर हर गंगे नमामि गंगे

।। बढ़ा दे तू पवित्रता इस गंगा की,
हटा दे तू दरिद्रता इस गंगा की,
स्वच्छता तो गहना है गंगा का,
हर हर गंगे, नमामि गंगे…

चढ़ा दे तू जुनून सिर पर,
पहुंचा दे हर घर यह संदेश,
“पवित्रता तो गहना है गंगा का”
हर हर गंगे, नमामि गंगे…

स्वच्छ रख इसे तू घर की तरह,
सम्मान कर इसका तू माँ की तरह,
पहुंचा दे अखिल भारत में तू यह संदेश,
हर हर गंगे, नमामि गंगे…

पूजा गंगा कि, है पूजा महेश कि,
स्वच्छता गंगा कि, है स्वच्छता महेश कि,
गुंजा दे यह नाद तू, अखिल भारत में,
हर हर गंगे, नमामि गंगे…।।

लेखक: नंदन त्रिवेदी

स्वच्छता ही सेवा है

तू घर को अपने स्वच्छ बना, बीमारियां यूँ चली जाएगी,

तू देश को अपने स्वच्छ बना, लोगों की आयूँ बढ़ती चली जायेगी,

इंसानियत का लिहाज रख थोड़ा, इस देश को तू यूँ ना कूड़ा दान समज,

जिस देश में पवित्र गंगा बहती हो, उस देश के कण-कण मैं शिवजी का वास है, यह तू समज,

इस भारतवर्ष को तू “स्वच्छमेव जयते” के नारे से सजा, तू इस देश को स्वच्छता के गहनों से सजा…

“२०१९ तक गांधीजी के स्वच्छ भारत के स्वप्न को साकार करना हमारा कार्य है और इससे बड़ी सेवा कुछ नहीं हो सकती।”

जय हिंद…।

लेखक: नंदन त्रिवेदी

इरादों को तेरे करदे बुलंद…

इरादों को तेरे करदे बुलंद, गगन भी कंपकपायेगा…

उम्मीदों को तेरी करदे ज्वलंत, धरती भी कंपकपायेगी…

जज़्बे को तेरे बस यूँही जलते रखना, फिर देख खुदा भी तेरा यह हुनर देख तेरी पीठ थपथपायेगा…

इरादों को तेरे करदे बुलंद, तेरी मेहनत भी रंग लाएगी…

कुछ ऐसा करदे अपने देश के प्रति,

की ये तिरंगा भी तेरे नाम, शान से लहराएगा…

–नंदन त्रिवेदी

गुरु महिमा

तू ना कर नादानी, और ठान ले की मुश्किलों के सामने कभी जुकुंगा नहीं, रुकूँगा नहीं कभी किसी मोड़ पर,

तू लिए जा बस गुरुवर का नाम,

फिर देख तेरी तकदीर पलट जाएगी, सिमट जाएगी तेरी हर मुश्किले,

मिलेंगी तुजे पंछियों सी आज़ादी,

तू ना कर नादानी, बस लिए जा गुरुवर का नाम…

–नंदन त्रिवेदी

प्यादे की क़ुरबानी

वतन मेरे तूने ऐसा क्या जादू कर दिया, प्यादे ने तुज पर अपना जीवन कुर्बान कर दिया…,

अपना घर छोड़ मिट्टी की इज्जत बचने वो निकल पड़ा, जैसे अपनी माँ की इज्जत हो…,

Continue reading “प्यादे की क़ुरबानी”